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सरदार पटेल

सिद्धान्तहीन राजनीति और नकारात्मक आलोचनाओं का गणतंत्र !

सिद्धान्तहीन राजनीति और नकारात्मक आलोचनाओं का गणतंत्र !

राजनीति के क्षेत्र में तो अधिकांशतः आलोचना के निहतार्थ- केवल सत्ता प्राप्ति की अभीष्ट अभिलाषा और प्रतिपक्षी के सर्वनाश की कामना ही प्रकट हुआ करती है।
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