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उदारीकरण

भारतीय साहित्य में जातीय सांस्कृतिक चेतना
नवजागरण के प्रभावस्वरूप राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक पुनरुस्थानवाद का जो उदय हुआ, उसे समूचे भारतीय साहित्य में देखा जा सकता है। जातीय-सांस्कृतिक चेतना प्रत्येक राष्ट्र की अपनी विरासत होती है। किसी भी राष्ट्र की अपनी एक जातीय संस्कृति होती है,
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